भक्तमाल कथा: श्री राम ने की सुरसुरी जी के पतिव्रता धर्म की रक्षा
सुरसुरी जी के अनुपम सौन्दर्य को देखकर कुछ दुष्ट विचार वाले लोगों का मन दूषित हो गया और काम से पीड़ित होकर सुरसुरी जी के सतीत्व को नष्ट करने की ताक में रहने लगे। एक दिन जब इनके पति सुरसुरानंद जी वन में फूल और लकड़ियां लेने गए तो दुष्टों को अच्छा मौका मिल गया।
यह सीधे सुरसुरी जी के सामने कुटिया में पहुंच गए। दुष्टों ने अपनी बातों से सुरसुरी जी को बहलाने का प्रयास किया लेकिन, इनकी मनोभावना समझकर सुरसुरी जी ने भगवान राम का स्मरण करना शुरु कर दिया।
इतने में चमत्कार हुआ कि दुष्टों को सुरसुरी जी जगह आंख लाल किए हुए सिंहनी नजर आने लगी। दुष्ट जान बचाकर भाग खड़े हुए। और सती का सतीत्व कायम रहा।