Your Cart

Your cart is empty.
  1. Home
  2. > Bhajan
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे - गुरुवाणी शब्द कीर्तन (Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
जिस के सिर ऊपरि तूं सुआमी, सो दुखु कैसा पावै ॥
जिस के सिर ऊपरि तूं सुआमी, सो दुखु कैसा पावै ॥
बोलि न जाणै माइआ मदि माता, मरणा चीति न आवै ॥
बोलि न जाणै माइआ मदि माता, मरणा चीति न आवै ॥

तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥

जो तेरै रंगि राते सुआमी, तिन्ह का जनम मरण दुखु नासा ॥
जो तेरै रंगि राते सुआमी, तिन्ह का जनम मरण दुखु नासा ॥
तेरी बखस न मेटै कोई, सतिगुर का दिलासा ॥
तेरी बखस न मेटै कोई, सतिगुर का दिलासा ॥

तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥

नामु धिआइनि सुख फल पाइनि, आठ पहर आराधहि ॥
नामु धिआइनि सुख फल पाइनि, आठ पहर आराधहि ॥
तेरी सरणि तेरै भरवासै, पंच दुसट लै साधहि ॥
तेरी सरणि तेरै भरवासै, पंच दुसट लै साधहि ॥

तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥

गिआनु धिआनु किछु करमु न जाणा, सार न जाणा तेरी ॥
गिआनु धिआनु किछु करमु न जाणा, सार न जाणा तेरी ॥
सभ ते वडा सतिगुरु नानकु, जिनि कल राखी मेरी ॥
सभ ते वडा सतिगुरु नानकु, जिनि कल राखी मेरी ॥

तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥