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मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए: भजन (Mangal Murti Roop Lekar Ganpati Ji Aa Gaye)

मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए,
भक्त जनों के दिल पर देवा दूर दूर तक छा गए,
गणपति बप्पा मोरया मंगलमूर्ति मोरया ॥
अब ना कोई दुखी रहेगा देवा का आशीष बरसेगा,
अंधे को आँखे मिलेंगी लंगड़ा भी अब दौड़ पड़ेगा,
भक्ति की सच्ची लगन सद् भक्तों को लगा गए,
मंगलमूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए ॥

शिव शक्ति के लाल प्यारे देते हैं सुख के उजियारे,
तीनों लोक में गूँज रहे हैं सिद्धि विनायक के जयकारे,
कितनी ही डगमग नैया को बप्पा पार लगा गए,
मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए ॥

इच्छा पूर्ति कहलाते हैं कृपा अमृत बरसाते हैं,
प्रेम से सबको निहारते हैं भाग्य सबके सँवारते हैं,
जीवन की मुरझाई बगिया सुगंध से महका गए,
मंगलमूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए ॥
BhaktiBharat Lyrics

अहंकार का नाश करते भक्तों के घर वास करते,
अपने दिव्य चमत्कार से पतझड़ को मधुमास करते,
घर आंगन में रंग बिरंगे सुख के फूल खिला गए,
मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए ॥