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आए हैं भोले के द्वार - भजन (Aaye Hai Bhole Ke Dwar - Bhajan)

आए आए है भोले के द्वार
शिव शंभू रखियो हमारी लाज
कावड़ कांधे पे है अपने उठाए
हम बड़ी दूर से चलकर के आए
शिव शंभू दर्शन को तेरे हैं आएं ॥
कांधे पे कावरिया लच लच करती
उसपे ये घुंघरू छम छम बजती
हो.... इसमें जल भरा है नर्मदा वाला
इससे दो कलशो में हमने है डाला
कावड़ कांधे पर अपने उठाएं
हम बड़ी दूर से चलकर के आए ॥

भांग धतूरा का भोग लगावे
भोग लगावे बाबा हंस हंस खावे
प्रेम सहित पीवे जहर का प्याला है
भोला भाला बाबा सारे जग से निराला है
ध्यान लगाए शिव योगी कहाय
हम बड़ी दूर से चलकर के आए
शिव शंभू दर्शन को तेरे हैं आए ॥

अंग भभूति साजे नंदी की सवारी
कैलाशी वासी तेरी लीला है न्यारी
यह डमरू धारी है पहने मृग छाला है
जटा बीच गंगा नाग गले में डाला है
मस्तक पर तेरे है चंद्रमा साजे
उमा के संग में कैलाश विराजे
शिव शंभू दर्शन को तेरे हैं आए ॥

आए आए हैं भोले के द्वार
शिव शंभू रखियो हमारी लाज
कावड़ कांधे पर है अपने उठाए
हम बड़ी दूर से चलकर के आए
शिव शंभू दर्शन को तेरे हैं आए ॥